वर्ष 2013 का 'कृष्ण प्रताप कथा सम्मान' चर्चित कथा लेखिका उर्मिला शिरीष के कथा संग्रह "कुर्की और अन्य कहानियाँ' को प्रदान किया जाएगा।
निर्णायकों द्वारा प्रशस्ति में कहा गया है कि -
" स्त्री के अधिकार की बात हो या स्त्री के मन के पुरुष की चाहत की बात हो , किसान की दीन दशा की बात हो या कि उसके शोषण की, आदमी की दृष्टिहीनता की बात हो, या उसके अपढ़ होने के नाते भ्रमित होने की बात हो, या समय व समाज की अराजक स्थिति हो, उर्मिला शिरीष की चेतन दृष्टि हर कहीं कुछ न कुछ बुनती दिखाई देती है। इनकी कहानी का पाठक इनकी भाषा और कथ्य से बंधा इनके इर्द गिर्द घूमता दिखाई देता है। अपने समय का दर्पण बनती ये कहानियाँ बदलाव की थोथी आकांक्षा-भर नहीं रखती हैं, बल्कि उसके लिए उत्तेजना भी जगाती हैं।"
निर्णायक - सुश्री ममता कालिया, श्री विभूति नारायण राय, श्री दिनेश कुमार शुक्ल
संयोजक - नरेंद्र पुण्डरीक (सचिव केदार शोध पीठ, बाँदा), संतोष भदौरिया
Urmila Shirish ji ko bahut bahut badhaiya .....:)
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