The Truth now comes out........
- (डॉ.) कविता वाचक्नवी
नेता जी सुभाषचंद्र बोस [ जन्म 23 जनवरी1897 – विमानदुर्घटना तिथि 18 अगस्त, 1945] की विमान दुर्घटना में मृत्यु का अपवाद सच मानकर देश ने विश्वास कर लिया था। आज ही के दिन वर्ष 1945 में यह अपवाद फैलाया गया था। अब जबकि जाँचसमिति से लेकर विश्व के कई बड़े शोधकर्ताओं ने यह पुष्ट कर दिया है कि नेता जी विमानदुर्घटना में नहीं मारे गए थे तो ऐसे में इसके साथ ही देश की सत्ता व उसके स्वार्थी चेहरों का भी संसार में असली रूप उजागर हो गया है।
नीचे, नेता जी से संबन्धित कई वीडियो व सच्चाईयों से परिचित करवाने वाले प्रमाणों का गंभीर ब्यौरा देने वाली डॉक्यूमेंट्री आदि प्रस्तुत की जा रही हैं।
संभवतः आप न जानते हों कि नेता जी 70-80 के दशक में भारत में रह रहे थे। इसके लिए सबसे अंत में दिए पाँच वीडियो देखें।
1 जुलाई 2010 को इसी ब्लॉग पर नेता जी से संबन्धित एक इंटरव्यू प्रस्तुत किया था, उसे आप यहाँ क्लिक कर सुनें -
जिन लोगों को यह सामग्री ईमेल से मिलेगी वे ईमेल में वीडियोज़ नहीं देख पाएँगे, अतः वे इस सारे संकलन को देखने सुनने के लिए इस लिंक को खोलें -
नेताजी सुभाषचंद्र बोस : सच्चाई सिद्ध हो चुकी हैं
http://photochain.blogspot.co.uk/2012/08/Subhash-Chandra-Bose-The-Truth-now-comes-out...html
नेताजी सुभाषचंद्र बोस : सच्चाई सिद्ध हो चुकी हैं
http://photochain.blogspot.co.uk/2012/08/Subhash-Chandra-Bose-The-Truth-now-comes-out...html
Netaji mystery: Justice Mukherjee's shocking revelation
SUBHASH CHANDRA BOSE PART 2 OF 4 SUBHASH CHANDRA BOSE PART 3 OF 4 SUBHASH CHANDRA BOSE PART 4 OF 4
Netaji mystery: Revelations (Part-1)
Netaji mystery: Revelations (Part-2)
Historical Speech of Netaji Subhash Chandra Bose
Subhas Chandra Bose Netaji : A rare video
Netaji Subhash Bose - Hidden Truth
नेता जी सन्यासी के रूप में अस्सी के दशक में कई वर्ष तक अयोध्या में रहे।
NETAJI IN FAIZABAD (Part-1)
NETAJI IN FAIZABAD (Part-2)
NETAJI IN FAIZABAD (Part-3) NETAJI IN FAIZABAD (Part-4) NETAJI IN FAIZABAD (Part-5) VERY IMPORTANT
नेताजी के जीवित होने के सबूत भी सामने हें और उनके सभी आज़ाद हिंद फौज से सम्बद्ध लोगों को ये बात पता थी. उनकी फौज में कैप्टेन रह चुकी मानवती आर्याजी ने ये बात अपनी पुस्तक में स्पष्ट रूप से लिखी है. ये तो हमारे तत्कालीन सरकार की कुछ साजिश थे जिसके तहत उन्हें अपने ही देश में चोरों की तरह से जीना पड़ा. आजाद भारत में खुली हवा में अपनी पहचान के साथ जी भी न सके. ये स्वतन्त्र भारत के लिए शर्म की बात है कि हम अपने ही नेता को खुले रूप से स्वीकार न कर सके.
जवाब देंहटाएंसभी विडियो देखने में कई घंटे लगे। चौंकाने वाली और रोंगटे खड़े कर देने वाली जानकारी। एक विडियो में नेता जी की बेटी ने भी कह दिया कि जापान के मंदिर में रखे हुए नेता जी अवशेषों की डीएनए जांच होनी चाहिए। एक अन्य विडियो में जस्टिस मुखर्जी के मुंह से सच निकाल गया। हम अब भी सोये रहेंगे क्या?
जवाब देंहटाएंइस पोस्ट के लिए आपका बहुत बहुत आभार !
जवाब देंहटाएंसच क्या है यह तो शायद ही कभी सरकार बताएं पर यहाँ दिये गए वीडियो के आधार पर यह तो हम सब मान ही सकते है कि १८ अगस्त १९४५ को नेता जी की मृत्यु नहीं हुई थी !
बाकी सारे सबूत और जस्टिस मुखर्जी के अनुसार गुमनामी बाबा ही नेता जी थे ... तो यह मानने मे मुझे थोड़ी हिचक तो है पर फिर भी एतराज़ नहीं !
नेता जी ज़िंदाबाद ... आज़ाद हिन्द ज़िंदाबाद ... जय हिन्द !!
धन्यवाद इन सब वीडियो के लिये। नेता जी हम सब के दिलों में हमेशा जीवित रहेंगे।
जवाब देंहटाएंमैं ने ये वीडियो देखे । बड़े पसन्द आए । सब में जो जानकारियाँ दी गई हैं ,
जवाब देंहटाएंउन्हें पढ़ कर सुभाष बोस की स्मृति में सिर झुक जाता है । उन को मेरा शतशत
नमन । कविता जी को धन्यवाद किन शब्दों में दूँ ।