हिंदी विश्वविद्यालय, वर्धा बना शमशेर का स्थायी घर
विश्वविद्यालय को मिला दुर्लभ पाण्डुलिपियों के अलावा शमशेर साहित्य का स्वत्वाधिकार भी, आज का दिन मील का पत्थर -कुलपति
वर्धा में नागार्जुन सराय भी
वर्धा दि. 12 मई 2012: महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के साथ आज एक और महापुरूष का नाम जुड़ गया। फादर कामिल बुल्के छात्रावास के पास नवनिर्मित अतिथि गृह नागार्जुन सराय का उदघाटन आज हिंदी के विख्यात कवि केदार नाथ सिंह ने किया। इस अवसर पर कुलपति विभूति नारायण राय, प्रतिकुलपति प्रो. ए. अरविंदाक्षन, कुलसचिव डॉ. के. जी. खामरे, विशेष कर्तव्य अधिकारी नरेन्द्र सिंह, आलोचक निर्मला जैन, प्रो. गंगाप्रसाद विमल, नरेश सक्सेना, रंजना अरगड़े, विजय मोहन सिंह समेत बड़ी संख्या में विश्वविद्यालय कर्मी एवं विद्यार्थी उपस्थित थे। अतिथियों ने इस मौके पर नागार्जुन की मूर्ति पर माल्यार्पण कर अपने श्रद्धासुमन अर्पित किये। सनद रहे कि हिंदी की कई विभूतियों के नाम से इस विश्वविद्यालय के विभिन्न भवनों और मार्गों का नामकरण किया गया है। अध्यापकों और कर्मचारियों के लिए बने आवासों को तीन संकुलों में बांटा गया है- अज्ञेय संकुल, शमशेर संकुल और केदार नाथ अग्रवाल संकुल। छात्रों के लिए गोरख पाण्डे और बिरसा मुण्डा छात्रावास है तो छात्राओं के लिए सावित्रीबाई फुले छात्रावास। केंद्रीय पुस्तकालय का नाम राहुल सांकृत्यायन के नाम पर है तो तीन सभागारों के नाम क्रमश: गौतम बुद्ध, डॉ. आंबेडकर और हबीब तनवीर के नाम पर। तीन मार्गो के नाम क्रमश: प्रेमचंद मार्ग, भारतेंदु मार्ग और निराला मार्ग हैं। दो पहाडियों का नामकरण गांधी हिल और कबीर हिल के नाम पर किया गया है।
वर्धा दि.12 मई 2012 ।
हिंदी के सुपरिचित कवि केदार नाथ सिंह ने कहा है कि शमशेर बहादुर सिंह विलक्षण दोआब के कवि हैं। उनकी रचनाओं में हिंदी और उर्दू की दोभाषिक संस्कृतियाँ मिलती हैं। शमशेर जितने हिंदी के कवि थे उतने ही उर्दू के। डॉ. केदार नाथ सिंह आज महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय के स्वामी सहजानंद सरस्वती संग्रहालय में कालजयी कवि शमशेर बहादुर सिंह की 19वीं पुण्यतिथि पर आयोजित गरिमामय समारोह को संबोधित कर रहे थे। इस समारोह में प्रसिद्ध लेखिका डॉ. रंजना अरगड़े ने शमशेर की प्रकाशित-अप्रकाशित रचनाओं की पांडुलिपियाँ, चित्रकृतियाँ और उनके निजी उपयोग की सामग्री तथा शमशेर की रचनाओं की कापीराइट विश्वविद्यालय को सौंपी।

Very nice post.....
जवाब देंहटाएंAabhar!
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