जातीय जनगणना के विरूद्घ विशाल मार्च
नई दिल्ली, 27 जुलाई 2010 |
जनगणना में जाति को सम्मिलित करने के विरोध में "सबल भारत" द्वारा संचालित "मेरी जाति हिंदुस्तानी आंदोलन" ने आज एक विशाल मार्च का आयोजन किया| सैकड़ों, छात्र , लेखकों, पत्र्कारों, बुद्घिजीवियों, उद्योगपतियों एवं किसानों ने 13, बाराखंबा रोड से जंतर-मंतर तक मार्च किया| इस मार्च का नेतृत्व आंदोलन के सूत्रधार डॉ. वेदप्रताप वैदिक ने किया|
मार्च में भाग लेनेवाले अनेक राष्ट्रीय ख्याति के लोग नारे लगाते जा रहे थे कि "सौ बातों की बात यहीं, जनगणना में जात नहीं", "जनगणना में जात नहीं, भारत को तू बाँट नहीं", "भारतमाता की यह बानी, मेरी जाति हिंदुस्तानी" आदि|
मार्च का समापन जंतर-मंतर पर हुआ| जंतर-मंतर पर एक विराट सभा हुई| सभा में विशेष रूप से भाजपा के वरिष्ठ नेता, जाने-माने अधिवक्ता तथा राज्यसभा सांसद श्री राम जेठमलानी, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष तथा पूर्व राज्यपाल श्री बलराम जाखड़, प्रसिद्घ पत्रकार टाइम्स आफ इंडिया के पूर्व मुख्य संपादक डॉ. दिलीप पडगाँवकर, पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री आरिफ मो. खान, भारत के पूर्व जाइंट चीफ आफ इंटेलिजेंस श्री आर के खंडेलवाल, राजस्थान भाजपा के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष तथा पूर्व राज्यसभा सांसद श्री महेशचंद्र शर्मा, पूर्व राजदूत श्री जगदीश शर्मा, प्रसिद्घ नृत्यागंना सुश्री उमा शर्मा, प्रसिद्घ समाजसेवी श्रीमती अलका मधोक एवं फिल्म निर्माता डॉ. लवलीन थडानी, जैन मुनि डॉ. लोकेशचंद्र, ईसाई नेता श्री फ्रांसिस आदि वक्ताओं ने सभा को संबोधित किया| सभा की अध्यक्षता आंदोलन के सूत्रधार डॉ. वेदप्रताप वैदिक ने की|
सभा को संबोधित करते हुए वरिष्ठ अधिवक्ता तथा भाजपा के सांसद श्री राम जेठमलानी ने कहा कि मैं इस आंदोलन का पुरजोर समर्थन करता हूँ तथा इस आंदोलन के लिए मैं अपने रक्त की अंतिम बूँद तक बहाने को तैयार हूँ| हमारे देश को गुलाम बनाए रखने के लिए जाति का आधार ही अंग्रेजों का मुख्य हथियार था| उन्होंने उदाहरण देते हुए कहा कि राबर्ट क्लाइव ने ईस्ट इंडिया कंपनी को लिखे अपने पत्र में कहा था कि हम भारत में खुश हैं, हमारी ताकत तथा व्यापार दिन प्रतिदिन मजबूती से बढ़ रहा है, क्योंकि भारत के लोग जाति के नाम पर बँटे हुए हैं|
श्री बलराम जाखड़ ने कहा कि जनतंत्र में हम सभी को अपनी बात कहने का हक है| भारत की अखंडता एवं एकता की रक्षा हमारा धर्म है| हमें ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे देश बंटे| जनगणना में जाति को शामिल करना देशद्रोह के समान है| यह सबसे बड़ा कुकर्म है| इससे बड़ा बुरा काम कोई और नहीं हो सकता|
जुलूस में भाग ले रहे वरिष्ठ पत्रकार डॉ. दिलीप पडगाँवकर ने कहा कि जातिगत बातें मात्र वोट बैंक की राजनीति के लिए है| हमारे लिए देश का संविधान सबसे प्रमुख है और गणतंत्र को बचाने के लिए जातीय जनगणना का विरोध करना आवश्यक है| संविधान में स्पष्ट कहा गया है कि जाति, धर्म के आधार पर कोई भी भेदभाव नहीं होना चाहिए| आंबेडकर का अंतिम भाषण सभी को पढ़ाया जाना चाहिए, जिसमें उन्होंने स्पष्ट कहा था कि कोई भी जातीय-भेदभाव नहीं होना चाहिए|
देश के पूर्व राजदूत जगदीश शर्मा ने कहा कि जातीय आधार पर देश को बाँटने की कोशिश भारत को सारी दुनिया में बदनाम कर देगी| भारत की सेना इसीलिए महान मानी जाती है कि उसका आधार जाति नहीं, राष्ट्र है|
भारत के पूर्व जाइंट चीफ आफ इंटेलिजेंस आर. के. खंडेलवाल ने कहा कि देश को जोड़ने के लिए गांधीजी ने हिन्दु-मुस्लिम एकता का काम किया था| आज हम जातिगत बँटवारा कर के देश को कहाँ ले जा रहे है ?
पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री आरिफ मो. खान ने कहा कि जातीय गणना बिल्कुल अवैज्ञानिक है| इसके आधार पर गरीबों का नहीं, कुछ जातियों की मलाईदार परतों का ही भला हो सकता है|
रैली को संबोधित करते हुए जैन मुनि लोकेशजी ने कहा कि जाति से बड़ा हमारा राष्ट्र है| यदि राष्ट्र एक और अखंड रहा तो हम रहेंगे, वर्ना हम ही कहाँ रह पाएँगे| दलित ईसाई नेता फ्रांसिस ने कहा कि जाति एक घातक बीमारी है| हम सब एक हैं| जातिगत आधार पर कोई भेदभव नहीं होना चाहिए|
इस अवसर पर प्रसिद्घ कलाकार उमा शर्मा, समाजिक कार्यकर्ता श्रीमती अलका मधोक और श्रीमती लवलीन थडानी ने भी कार्यकर्ताओं को संबोधित किया| कार्यक्रम का संचालन आंदोलन के सूत्रधार डॉ. वेदप्रताप वैदिक ने किया| श्री अशोक कावडि़या ने मुख्य अतिथियों और जुलूस में भाग लेनेवाले साथियों को धन्यवाद दिया|
INTELLECTUALS MARCH AGAINST CASTE CENSUS
JAKAHR, JETHMALANI & PADGAONKAR ADDRESS THE RALLY
New Delhi, 28 July 2010. Hundreds of intellectuals, writers, arists, students and leaders representing various walks of the civil society took out an impressive march from Barakhamba Road to Jantar Mantar led by Dr.V.P Vaidik the founder and National Convener of Meri Jati Hindustani Movement. They opposed the inclusion of Caste in the Census (2011).
The March and Meeting at Jantar Mantar were joined by former Cabinet Ministers Balram Jakhar, Ram Jethmalani, Arif M. Khan, eminent journalist Dr. Dilip Padgaonkar, Ambassador J.C Sharma, former Chief of Joint Intelligence R.K Khandelwal, famous dancer Uma Sharma, leader of poor Christians R.L Francis, Dr. Lavlin Thadani, Alka Madhok and many other intellectuals, diplomats, industrialists and academics. Former Speaker Mr. Somnath Chatterjee and Former Cabinet Minister Mr. K.C. Pant sent their good wishes for the rally.
The Marchers were raising very interesting slogans. ‘Meri Jati’ – Hindustani. ‘Sau Baton ki ek baat yahee, Janganana me Jaat nahi’. ‘Janganana mei jaat nahi, Bhart ko tu baant nahi’. ‘Bharat Mata ki yah Baani, Hum Sab Hai Hindustani’.
While addressing the gathering after the March, Mr. Ram Jethmalani said that he is ready to shed the last drop of his blood to fight for this noble cause. He quoted from a letter of Lord Clive, who had said that as long as the caste – system is alive in India, there is no threat to the British Empire. The caste in the census will create a new monster which will demolish the modern India. Every right thinking Indian must oppose this regressive idea.
Mr. Balram Jakhar said that the inclusion of caste in census is the dirtiest trick to destroy the Indian unity. What we have achieved in the last 63 years shall disappear in a single stroke. The revival of caste is akin to treason. Every Indian must oppose this anti-national idea.
Mr. Dilip Padgaonkar minced no words to condemn the vote bank politics which is least concerned with the welfare of the poor. The caste enumeration will sap the foundation of our Republic, he opined. It goes against the spirit of the Constitution and the ideals of Baba Ambedkar.
Ambassador J.C Sharma said that to divide India on the basis of caste would be a big embarrassment for an emerging world power like India. Former Cabinet Minister Arif M Khan said the caste enumeration is a case of bad mathematics. It is very unscientific. It will not benefit the poor people. It will serve the narrow purpose of the creamy layers of the backward people.
The meeting was addressed by many others including R. K. Khandelwal, R.L Francis, Lokesh Muni, Dr. Lavlin Thadani, Alka Madhok and Uma Sharma. Dr. Vaidik presided over the meeting.
Mr. Ashok Kavaria, the organizer, thanked everybody at the end.
मीडिया प्रभारी
अशोक कावड़िया
Jaativaad aapas mein logon ke sauhardpurn vatavaran ke liye bahut haanikarak sidh hota hai... bahut dukh hota hai jab padhe likhe aur samjhdaar logon dwara yah sab kiya jaata hai... na jaane kab tak yun hi jaativadi aag mein log ghutte piste rahenge aur rajneta apni rotiyan sekte rahenge..
जवाब देंहटाएंSaarthak aur janjagran karti post ke liye aabhar
par ye log "jaateeya" shabda kaa kabaada kar rahe hain.
जवाब देंहटाएंजिस वजह से देश गुलाम हुआ था आज फिर उसी तरफ़ ले जा रहे हैं तो फिर इस देश का क्या होगा ये सभी समझ रहे हैं मगर ये नेता क्यूँ नही समझ पा रहे…………क्यूँ आज फिर जनता की भावनाओं से खिलवाड कर रहे हैं।
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