कल कविता कार्यशाला का आयोजन के विषय में लिखा ही था।
उक्त आयोजन की सम्पन्नता के पश्चात् यह आवश्यक लगा कि गत ३ दिनों में विभिन्न माध्यमों से आए सन्देशों को सुरक्षित कर लिया जाए। (कुछ सन्देश तो कल के पन्ने पर ही हैं)
इस बहाने इन सबके प्रति हार्दिक आभार भी व्यक्त करते हुए प्रस्तुत है वे शेष सन्देश जिनके माध्यम से कुछ और जानकारियाँ भी अवश्य मिली हैं, मिलेंगी -
बहुत बहुत धन्यवाद कविताजी,
सचमुच इस कार्यशाला में भाग लेकर जितनी ख़ुशी और रचनात्मकता का अनुभव हुआ, उसे शब्दों में लिख पाना कठिन है|
सोच कितनी गहरी और विविधता भरी हो सकती है, उसका जीवंत उदहारण है ये कार्यशाला|
आशा है, ऐसी कार्यशाला भविष्य में आयोजित होती रहेगी..और शीघ्रता शीघ्र फिर से कुछ लिखने और पढने का सौभाग्य प्राप्त होगा|
सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं|
सचमुच इस कार्यशाला में भाग लेकर जितनी ख़ुशी और रचनात्मकता का अनुभव हुआ, उसे शब्दों में लिख पाना कठिन है|
सोच कितनी गहरी और विविधता भरी हो सकती है, उसका जीवंत उदहारण है ये कार्यशाला|
आशा है, ऐसी कार्यशाला भविष्य में आयोजित होती रहेगी..और शीघ्रता शीघ्र फिर से कुछ लिखने और पढने का सौभाग्य प्राप्त होगा|
सभी को बहुत बहुत शुभकामनाएं|
Abhishek Tripathi
Kavita Jee, bahut achcha raha, apki mehnat se ye karyashala sarthak hui...mujhe bahut achcha laga ki internet ki duniya me bhi log creative karte hi rahte hain, nahin to ye sirf timepass ka zariya bana hua hai, sadhuwaad, jaldi hi kuchh aur bhi naya karengi aisi aasha hai, waise mera ek discussion chal raha hai aesthetics of music per, aap bhi aakar dekhen...http://www.facebook.com/gr oup.php?gid=11140534554983 2&v=app_2373072738#!/topic .php?uid=111405345549832&t opic=34
Madhu Gujadhur
इतने सुनियोजित ढंग से कविता कार्यशाला को नेट पर प्रस्तुत करने के लिए बारम्बार धन्यवाद....हम जैसे अति साधारण लोगों को कलम उठाने का मौका मिला ...गुल खान जी तथा अन्य कई कलम के धनी लोगों को पढने का मौका मिला ...जहाँ तक सवाल है हिंदी के अन्य विद्वानों ने अपना कोई सहयोग या राय नहीं दी...मैं कहना चाहूगी की हमें स्वयं कहीं उन की कमी महसूस नहीं हुई | एक निवेदन है की इस प्रकार की कार्य शालाएं आप समय समय पर आयोजित करती रहें ...ये हिंदी भाषा को जीवन शक्ति देने का कार्य करती है भारत में और भारत से बहार भी .....
Swati Kumar
yeh bahut hi achchha raha, asha hai is tarah ke aayojan aur bhi hote rahenge,
Iske safal aayojan par KavitaJi aapko dhero badhayi !!
Iske safal aayojan par KavitaJi aapko dhero badhayi !!
- navincchaturvedi...
- सर आपका यह प्रयास वाकई सराहनीय है| हर कवि का अपना एक नज़रिया होता है, और जैसा कि आप भी जानते हैं कि "निज कवित्त किन लागि न नीका"; ऐसे में आप की टिप्पणियाँ हम सब के लिए काफ़ी ज्ञानवर्धक रहेंगी| धन्यवाद|
- क्या शानदार प्रस्तुति है ...!! बयान नहीं कर सकता। एक से बढ़कर एक उम्दा रचना पढने को मिली। आपका आभार।
- पहले इस तरह की कार्यशालायें या कविता वर्कशॉप हुआ करते थे । अब यह बन्द हो गये है । लेकिन यह निरंतर होना चाहिये इनसे बहुत कुछ सीखने को मिलता है ।
- This is marvelous. I have enjoyed a full Kavia Mehfil from this blog. This type work shops are required in every language every where. Rector ji, Thganks that you shared a good topic. Let us we too make efforts to start this type workshops in Punjabi so that new comers may learn some thing about the various formats of Punjabi Poetry and the trends being settled in it. Thanlks a Lot once again. My best regards for all Hindi poets who participated in this work shop and its organizers .
बहुत उम्दा, इस बार उपस्थित नही रहा पाया लेकिन अगली बार कोशिश की जायेगी... अच्छा और सार्थक प्रयास ..जय हो
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