यों तो कहते हैं कि जीना मरना परमात्मा के हाथ होता है,
असल में इसका आधा अधिकार हमारे अपने हाथ में है, वह यों कि यदि हम चाहें तो अपने आप को मरने के लिए छोड़ तेजी से दौड़ सकते हैं, शराब पीजिए, ड्रग्स लीजिए, जीवनशैली को दुरूह बनाइये, धुआँ भरिए अपने फेफडों में, या और भी ऐसे जीवननाशक काम कीजिए | आप को कोई नहीं बचा सकेगा. बस अगर किसी संयोग और किसी दुआ ही से आपको जीवन का भले एक मौका और मिल जाए; जैसे इस महिला को मिला| आप भी देखें कि कैसे ये आदतें आपको तबाह कर सकती हैं -
सही। क्या किस्मत है।
जवाब देंहटाएंnice
जवाब देंहटाएंबच ही गई बस!! टोरंटो की सब वे लगी हमे तो!!
जवाब देंहटाएंकिस्मत ने बचा लिया वर्ना...
जवाब देंहटाएंवो किसी ने ठीक ही कहा है कि 'जाको राखे सांइयां,मार सके न कोय' लेकिन साईं का इम्तेहान ज़्यादा न लो।
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