जयंत देसाई के निर्देशन में बनी तानसेन (१९४३) में मुंशी खेमचंद प्रकाश के संगीत निर्देशन में स्व. कुंदनलाल सहगल के स्वर में एक गीत - दिया जलाओ, जगमग- जगमग, ने अपना जादू बिखेरा। सहगल जी की अभिनय प्रतिभा का भी उस युग में यह फ़िल्म इक स्तम्भ बनी। सहगल जी के गीतों की श्रृंखला में आज इस शास्त्रीय गायकी के गायक के सुर का आनंद लीजिए -
दिन सूना सूरज बिना
औ चन्दा बिन रैन
घर सूना दीपक बिना
ज्योति बिन दो नैन
दिया जलाओ
जगमग जगमग दिया जलाओ ( 2)
दिया जलाओ (4)
जगमग जगमग दिया जलाओ (2)
सरस सुहागन सुन री (4)
तेरे मन्दिर में देख अँधेरा (2)
रूठ न जाए पिया तेरा (2)
आ ~
दिया जलाओ (4)
दिया मनाओ दिया जलाओ
दिया मनाओ मनाओ जलाओ
जगमग जगमग (2)
जगमग जगमग दिया जलाओ
purani yaadon ko tatolna achchha laga.
जवाब देंहटाएं-Zakir Ali ‘Rajnish’
{ Secretary-TSALIIM & SBAI }
aapko padhne ka ishtiyaaq
जवाब देंहटाएंbnaa rahegaa ...
abhivaadan svikaareiN .