`मध्यांतर' के संपादक, कवि पुरुषोत्तम प्रशांत पंचतत्व में विलीन
हैदराबाद नगर के सुप्रसिद्ध कवि व समीक्षक पुरुषोत्तम प्रशांत का ब्रेन हैमरेज से २४ अगस्त की रात को निधन हो गया। उस्मानिया अस्पताल में इलाज के दौरान उन्होंने अंतिम सांस ली। ५५ वर्षीय श्री प्रशांत अपने पीछे पत्नी, एक पुत्र व दो पुत्रियां छोड गये हैं। उनके निधन का समाचार मिलते ही नगरद्वय के साहित्य जगत में शोक की लहर दौड़ गयी। वे ‘म्ध्यांतर’ के संपादक थे तथा सिखवाल समाज की पत्रिका ‘जय ऋष्य श्रृंग’ से भी जुडे़ हुए थे। २५ अगस्त को ११-०० बजे इमलीबन श्मशानघाट में उनका अंतिम संस्कार किया गया।
चित्र परिचय :
- - ` मध्यांतर ३-४' के आवरण पर प्रकाशित उनका परिचय
- - एक अंक का उनका बनाया मुखचित्र
- - मध्यांतर में छपी उनकी कुछ कविताएँ
- - उच्च शिक्षा और शोध संस्थान(दक्षिण भारत हिन्दी प्रचार सभा, हैदराबाद में गीता पुस्तक केन्द्र द्वाराआयोजित उनके सम्मान समारोह के कुछ चित्र
श्रृद्धांजलि!!
जवाब देंहटाएंप्रशांत भाई के रूप में एक सच्चा दोस्त खो दिया मैंने.
जवाब देंहटाएंशान्ति: !!!
प्रशांत जी अच्छे कवि,समीक्षक और पत्रकार तो थे ही, प्रतिभाशाली चित्रकार भी थे.उनके अमूर्त रेखांकन अत्यन्त अर्थगर्भ हुआ करते थे.
जवाब देंहटाएंइसके अलावा वे कुशल संगठक और संयोजक भी थे.
उनके साथ जमकर साहित्यिक चर्चाएँ होती थीं.
अभी उनसे बड़ी उम्मीदें थीं.....
कुछ महीने पहले की ही तो बात है जब उन्होंने मुझसे कहा था , ''अब गृहस्थी की जिम्मेदारियों से निश्चिंत हो गया हूँ....नए सिरे से अब लेखन कर्म में जुटना है .''
पर............
एक अन्तरंग दोस्त खो गया मेरा !!!